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शनिवार को बिहार कर्मचारी चयन आयोग के पहले दिन के प्रथम पाली परीक्षा का पेपर लीक होने की चर्चा सरेआम रही. सोशल मीडिया पर तेजी के साथ हुए पेपर वायरल ने चर्चाओ को जन्म दिया. किसी ने नवादा से पेपर लीक होने की बात कही तो किसी ने गया व औरंगाबाद से. सच्चाई क्या है यह स्पष्ट नहीं हो सका है. एक साथ तमाम प्रश्न वायरल होने की घटना ने संदेह को भी जन्म दिया है. हालांकि, जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने औरंगाबाद से प्रश्नपत्र वायरल होने की बात को पूरी तरह नकार दिया और महज अफवाह बताया.
इन सबके बीच, सवाल यह उठता है कि अगर बीएसएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुई है तो इसकी जांच गंभीरता से की जानी चाहिए और अगर किसी ने अफवाह उड़ायी है या गलत तरीके से सोशल मीडिया पर पेपर वायरल किया है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होना चाहिए. इधर, पता चला कि जिन परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र या उत्तरपुस्तिका परीक्षा के समय दिया गया था उनसे परीक्षा समाप्ति के बाद कलम सहित प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिका वीक्षक द्वारा ले ली गयी थी. ऐसे में प्रश्नपत्र वायरल होना कहीं न कहीं गड़बड़ी को जन्म देता है.
वैसे औरंगाबाद में इसकी चर्चा अचानक सुर्खियों में आ गयी. परीक्षा देकर लौटे विद्यार्थियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए सरकार ने सख्ती कदमा उठाये इसके बाद भी प्रश्नपत्र वायरल होना कहीं न कहीं केंद्राधीक्षक व वीक्षकों के संलिप्पता को दर्शाता है. देखना यह है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग क्या फैसला लेती है. ज्ञात हो कि बीएसएससी की परीक्षा 8 से 10 दिसंबर तक ली जानी है.