झारखंड लोकसेवा आयोग के सचिव मनोज झा ने सोमवार को कहा कि संयुक्त प्रतियोगिता की प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) में आरक्षण का प्रावधान लागू नहीं है। आरक्षण सिर्फ मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में लागू होता है। सचिव ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में यह जानकारी दी।
छठी जेपीएससी के अभ्यर्थियों की ओर से आरक्षण का पालन नहीं होने का सवाल उठाए जाने पर उन्होंने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा में सिर्फ अभ्यर्थियों को शॉर्ट लिस्ट किया गया है। मेरिट लिस्ट तैयार नहीं की गई है। इसमें हर सीट पर 15 अभ्यर्थी को उत्तीर्ण घोषित किया गया। यह परीक्षा 326 रिक्तियों के विरूद्ध आयोजित की गई थी, जिसका कोटिवार 15 गुना अभ्यर्थी 4890 होते हैं। इसके अलावा अंतिम अभ्यर्थी को प्राप्त अंक के बराबर 248 अभ्यर्थियों को अंक मिले थे। इसे लेकर कुल 5138 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया। 326 रिक्तियों में अनारक्षित कोटि के 180, एससी के 39, एसटी 84, बीसी-1 के 21 और बीसी-2 के दो पद शामिल हैं। महिला, दिव्यांग और खिलाड़ी को क्षैतिज आरक्षण देना है।
हाईकोर्ट के फैसले का हवालापीटी में आरक्षण के सवाल पर सचिव ने झारखंड और राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले का हवाला दिया। कहा कि झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल और न्यायमूर्ति रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने 23 सितंबर 2015 को लक्ष्मण टोप्पो की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट कहा है कि पीटी में आरक्षण लागू नहीं होता है। ओएमआर शीट वेबसाइट पर ओएमआर शीट वितरित नहीं किए जाने के सवाल पर सचिव ने कहा कि अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी नहीं देनी थी। कार्मिक विभाग के संकल्प के अनुसार इसे जेपीएससी के वेबसाइट पर अपलोड करना है।
सचिव ने कहा कि छठी जेपीएससी परीक्षा का ओएमआर शीट जल्द वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा। अभ्यर्थी वेबसाइट पर देख सकते हैं। आवेदन में विराट कोहली की तस्वीर एक सवाल पर सचिव ने कहा कि 12 हजार ओएमआर शीट रद्द होने का आरोप बेबुनियाद है। आयोग द्वारा सिर्फ उन्हीं ओएमआर शीट को रद्द किया गया है जिसे अभ्यथियों द्वारा भरने में गलतियां की गई है।
सचिव ने बताया कि एक अभ्यर्थी ने अपने आवेदन में विराट कोहली का नाम और तस्वीर अपलोड कर दिया था। इस अभ्यर्थी ने परीक्षा भी नहीं दिया। इस बार ओएमआर में सिर्फ रोल नम्बर और बुकलेट का सीरिज भरना था। इसमें भी बहुत सारे लोगों ने गलती की है।
इस मौके पर विधि अधिकारी अशोक मिश्रा और बीएन अखौरी भी उपस्थित थे।
Source :live hindustan